अगर अपनी भी किसी से यारी होती
इस के लिए हाज़िर जान हमारी होती
किसी रेडीयो के मेज़बान होते अगर
फिर हमारी भी हर बात प्यारी होती
जो मेरी सना में कुछ ना कहता
नशर उस की बात ना सारी होती
ख़ुशामद करने वाले तीन बार आते शो में
इन पे ना कोई पाबंदी जारी होती
असग़र जैसे लोगों से ज़्यादा बात ना करता
इस तरह से बड़ी धूम हमारी होती
इस के लिए हाज़िर जान हमारी होती
किसी रेडीयो के मेज़बान होते अगर
फिर हमारी भी हर बात प्यारी होती
जो मेरी सना में कुछ ना कहता
नशर उस की बात ना सारी होती
ख़ुशामद करने वाले तीन बार आते शो में
इन पे ना कोई पाबंदी जारी होती
असग़र जैसे लोगों से ज़्यादा बात ना करता
इस तरह से बड़ी धूम हमारी होती
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