चाय में पति ना कम ना ज़िया दह हू
अलिफ़-ओ-रद्द-ओ-ध् की मकद उर थोड़ य सीज़ या दह हू
र-ओ-टी गोल बनाता हू
नवा ले तोड़ कर जो मेरे मुँह में डॉ ले
जिस चीज़ को चबाने की ज़हमत ना हू मुझसे
ओ- हिबा दाम गिरा ऐंड र मैन पीस कर मुझको दे
ओ- ह मुझको हर हफ्ते सिनेमा लेकर जाये
मैं जो बेसबब र-ओ-ठ जाओ ं इस से
मुझको मना ने के लिए-ओ-ह
चने की दा लुबना डॉ ले
अलिफ़-ओ-रसा थ थोड़ इसा मीठा भी
ख़ुद वो बी ऐम डब्लयू रखे
और मुझको कर-ओ-लाद लौह दे
जब मैं शॉपिंग पे जाओ ं
पैसा पानी की तरह बहाओ ं
अलिफ़-ओ-र-ओ-ह मुझको देख देख मुस्कुरा ताजा ए
अलिफ़-ओ-र जब में इस को देखो ं
ओ- हश्र मा जाये
बा डी उस की सलमान ख़ान जैसी हू
र-ओ-मैंस शाह रुख़ जैसा हू
बदन उस का ढीला ढाला नर्म-रौ ई जैसा हू
लाल शरबती सी आँखें हूं
छोटी छोटी मूँछें हूं
प्यार जब मुझको उसपे आए
इस का हाथ पकड़ कर
धीर य से इस के कान में कहूं
जान कुछ खाने को मिलेगा
मेरे आईड यल ख़ा निसा मह शौहर
अलिफ़-ओ-रद्द-ओ-ध् की मकद उर थोड़ य सीज़ या दह हू
र-ओ-टी गोल बनाता हू
नवा ले तोड़ कर जो मेरे मुँह में डॉ ले
जिस चीज़ को चबाने की ज़हमत ना हू मुझसे
ओ- हिबा दाम गिरा ऐंड र मैन पीस कर मुझको दे
ओ- ह मुझको हर हफ्ते सिनेमा लेकर जाये
मैं जो बेसबब र-ओ-ठ जाओ ं इस से
मुझको मना ने के लिए-ओ-ह
चने की दा लुबना डॉ ले
अलिफ़-ओ-रसा थ थोड़ इसा मीठा भी
ख़ुद वो बी ऐम डब्लयू रखे
और मुझको कर-ओ-लाद लौह दे
जब मैं शॉपिंग पे जाओ ं
पैसा पानी की तरह बहाओ ं
अलिफ़-ओ-र-ओ-ह मुझको देख देख मुस्कुरा ताजा ए
अलिफ़-ओ-र जब में इस को देखो ं
ओ- हश्र मा जाये
बा डी उस की सलमान ख़ान जैसी हू
र-ओ-मैंस शाह रुख़ जैसा हू
बदन उस का ढीला ढाला नर्म-रौ ई जैसा हू
लाल शरबती सी आँखें हूं
छोटी छोटी मूँछें हूं
प्यार जब मुझको उसपे आए
इस का हाथ पकड़ कर
धीर य से इस के कान में कहूं
जान कुछ खाने को मिलेगा
मेरे आईड यल ख़ा निसा मह शौहर
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