ये जो बाद-ए-सबा है साहें
ये बड़ी कज-अदा है साहें
मेरे यार का पैग़ाम नहीं लाती
करती ना वाअदा वफ़ा है साहें
कई सालों सयासी को सलाम
इस बात सेवह ख़फ़ा है साहें
अगर में एक कूचा हता हूँ
उसे एतराज़ किया है साहें
मैं किस के लिए बाल बनाऊँ
जब महबूब ही जुदा है साहें
ये बड़ी कज-अदा है साहें
मेरे यार का पैग़ाम नहीं लाती
करती ना वाअदा वफ़ा है साहें
कई सालों सयासी को सलाम
इस बात सेवह ख़फ़ा है साहें
अगर में एक कूचा हता हूँ
उसे एतराज़ किया है साहें
मैं किस के लिए बाल बनाऊँ
जब महबूब ही जुदा है साहें
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