सुना है कि नफ़रत मुहब्बत की पहली कड़ी होती है
मैं जहां जाता हूँ वो पीछे खड़ी होती है
मुझ जैसे शरीफ़ आदमी को बदनाम करने की ख़ातिर
उसने रोज़ कोई नई कहानी घड़ी होती है
उसे अपने दिल में ऐसे बसा रखा है
जैसे फ्रे़म में कोई तस्वीर जुड़ी होती है
सच्ची मुहब्बत करने से पहले ज़रा सोच लेना
इस तरह के कामों में जुदाई बड़ी होती है
सोचा था हम भी किसी हमउमर को छेड़ेंगे
फिर ख़्याल आया ऐसे कामों में पिटाई बड़ी होती है
हुस्न की अदालत में जब पेश होता है असग़र
इस के लिए वो बड़ी नाज़ुक घड़ी होती है
मैं जहां जाता हूँ वो पीछे खड़ी होती है
मुझ जैसे शरीफ़ आदमी को बदनाम करने की ख़ातिर
उसने रोज़ कोई नई कहानी घड़ी होती है
उसे अपने दिल में ऐसे बसा रखा है
जैसे फ्रे़म में कोई तस्वीर जुड़ी होती है
सच्ची मुहब्बत करने से पहले ज़रा सोच लेना
इस तरह के कामों में जुदाई बड़ी होती है
सोचा था हम भी किसी हमउमर को छेड़ेंगे
फिर ख़्याल आया ऐसे कामों में पिटाई बड़ी होती है
हुस्न की अदालत में जब पेश होता है असग़र
इस के लिए वो बड़ी नाज़ुक घड़ी होती है
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